पटना (न्यूज सिटी)। बिहार के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि पिछले 15 वर्षों के भीतर एनडीए की सरकार ने श्रम संसाधन के क्षेत्र में ...
पटना (न्यूज सिटी)। बिहार के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि पिछले 15 वर्षों के भीतर एनडीए की सरकार ने श्रम संसाधन के क्षेत्र में जितने जनोपयोगी कार्य किए। उसकर तुलना में 2005 के पूर्व की सरकार ने भी नहीं किया। तब और अब के समय में फर्क साफ है।
श्री सिंह ने आज प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में 2005 के पूर्व मात्र 29 आईटीआई थे। जबकिं आज इसकी संख्या 149 है। इसी से दोनों के शासनकाल में विकास का परिणाम साफ दिखता है। 15 वर्षों में 120 आईटीआई की स्थापना राज्य में हुई है। यही नहीं आईटीआई पास छात्रों को इंटर पास की मान्यता भी दिलाई। गैर सरकारी संस्थानों की संख्या भी तब अंगुलियों पर गिनने लायक नहीं थी। आज इसकी संख्या 1202 हो गयी है। तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण देकर युवकों की तकदीर संवारने को दिशा में सन 2005 के पूर्व कुछ नहीं किया गया। बीते 15 वर्षों में जो हुआ जनता के सामने है-फर्क साफ है।
श्री सिंह ने कहा कि 2005 के पहले मात्र चार हजार छोटे-बड़े ओद्योगिक कारखाने थे, आज इसकी संख्या बढ़ कर 8 हजार है और 2 लाख लोग कार्यरत हैं। यही नहीं 139 आईटीआई का अपना भवन तैयार है और 10 का काम अंतिम चरण में है। जरा कोई बताए 2005 के पहले किसी कागज पर यह स्कीम थी? विरोधियों को अपने चश्में का शीशा भी साफ करना चाहिए। राज्य के 20 शहरों को बालश्रम मुक्त किया जा चुका है। एनडीए की सरकार ने न केवल छात्रों बल्कि श्रमिकों के हितों को भी ध्यान में रखा और उनके कल्याण की आध दर्जन से अधिक योजनाएं चल रही हैं। कौशल विकास योजना के तहत खुले 1747 केवाईसी सेंटर में आज 9 लाख बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं।
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