पूर्णिया/श्याम नंदन (न्यूज़ सिटी)। मैं कोविड 19 के दौरान भेदभाव एवं तिरस्कार के खिलाफ़ हूँ. कोविड 19 के दौरान फ़ैल रही किसी भी प्रकार की भ्रामक...
पूर्णिया/श्याम नंदन (न्यूज़ सिटी)। मैं कोविड 19 के दौरान भेदभाव एवं तिरस्कार के खिलाफ़ हूँ. कोविड 19 के दौरान फ़ैल रही किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकरियों को स्वीकार नहीं करूँगा. यह सोच यदि आप की आवाज बन रही है तो समझिए आप महामारी के इस दौर में यूथ चैम्पियन बनने को तैयार हैं. आपकी यह आवाज काफ़ी मायने रखती है. यह विचारों को प्रकट करने का एक ऐसा नजरिया है जो कोरोना काल में झेल रहे व्यक्ति को राहत पहुंचा सकती है.
कोविड-19 के दौर में जिस रफ़्तार से संक्रमण का प्रसार हुआ है उसी रफ़्तार से कोरोना को लेकर भेदभाव एवं तिरस्कार के मामले में भी वृद्धि हुई है. इसके खिलाफ़ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी मुहिम शुरू कर चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूथ को इस मुहिम की महत्वपूर्ण कड़ी मानते हुए उत्साह और दृढ़ता के साथ तिरस्कार और भेदभाव के खिलाफ़ आवाज उठाने संबंधी निर्देशिका भी जारी की है.
कोविड-19 के दौर में लोगों में फैले तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. जारी निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में तिरस्कार का मतलब होता है आपकी बीमारी के चलते कोई व्यक्ति समुदाय आपको नकारात्मक तरीके से देखता है. महामारी के दौर में इसका मतलब यह होता है कि किसी एक बीमारी से जुड़े लोगों को चिन्हित कर उनके साथ भेदभाव या अलग व्यवहार किया जाए. इस तरह का व्यवहार उन लोगों को जो खुद बीमारी से जूझ रहे हो या उनकी देखभाल करने वाले परिवार सदस्य दोस्तों और समुदाय के लोगों को प्रभावित कर सकता है.
एडवोकेसी का मतलब है किसी मुद्दे को पहचानना और बदलाव की ओर काम करना. जारी निर्देशिका में यह भी बताया गया है कि एडवोकेसी के जरिए हम समाज के कमजोर वर्ग की आवाज उठाने में मदद करते हैं. क्योंकि जिन विचारों और परंपराओं में हम बदलाव लाना चाहते हैं, उनका असर इन्हीं वर्गों पर सबसे ज्यादा होता है. एडवोकेसी इसी सामुहिक आवाज का प्रयोग अधिकारों के बचाव और सुरक्षा के लिए करती है. यह बदलाव व्यक्तिगत स्तर, स्थानीय स्तर उदाहरण के लिए स्थानीय सरकार, पुलिस, धार्मिक नेताओं या योर स्कूल एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकती है.
2 मिनट से 15 मिनट का समय निकालकर आप भी कोविड-19 के खिलाफ़ मुहिम में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ संगठन, यूनिसेफ दस्तावेजों को ही फॉलो करें, इसमें आपका 2 मिनट से कम का समय जाएगा. 10 मिनट से 15 मिनट का समय निकालकर कोविड-19 से जुड़े तथ्यों पर विडियो, थैंक्यू कार्ड एवं मिथकों को उजागर करने वाले पोस्ट लिखकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट या टि्वटर हैंडल से सोशल मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अपने फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट इंस्टाग्राम या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें.
कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में लोग कई बार गलत और गैर-तथ्यात्मक जानकारी साझा कर जाते हैं. अक्सर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि सही जानकारी कहां से मिल सकती है. निर्देशिका में यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति या आपका दोस्त गलत जानकारी फैला रहा है. उनसे मिलकर या फिर इनबॉक्स में मैसेज कर उनसे संपर्क कर सही तथ्यों को बताएं. याद रखें आपका उद्देश्य उन्हें नीचा दिखाना नहीं बल्कि उनकी सोच बदलना है.
No comments